"अगरचे गिर भी जाये तो नहीं करेंगे हम कोई गम ...
रूबरू होते हैं हम भी खुदा से वहीँ ,जहाँ बसता है वो रज-कण सम ..!
गिर के भी गर संभल जाओ, तो इक हाथ बड़ा हमें भी संग ले चलो ..
खुदा का ये सफ़र है बड़ा हसीं, गर कदम मिला सको तो दर उसके संग चलो..!!"
- नंदिता
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