Monday, July 1, 2013

Haan , Itni si shikayat hai tumse..!!

महादेव ,
एक छोटी सी शिकायत है तुमसे ..

तुम थे ,
पर्वत, नदी,पेड़,धरा में विलुप्त ..
अविकल सी इस झील में सुप्त ,
अडिग अचल अवस्था में लुप्त  
कभी जाने पहचाने से,कभी गुप्त ..!!

 और नादाँ  मैं ,
 चीर स्थितियाँ विक्षिप्त ..  
 मूक बधिर पाषाण सम
 खड़े तुम में,  हो आसक्त..
 अविरल, ढूँढती रही अपना तत्त्व ..। 


 देव ,  
 तुम स्वयं में आधीन , लिप्त ..
 अपने देवत्त्व के इस घनत्त्व से ,
 धूमिल करते जा रहे हो मेरा अस्तित्व ..।। 

 हाँ ,
 बस, इतनी सी शिकायत है तुमसे ..!

 ~ नंदिता ( अभी - अभी-  6:15 pm )
 1/07/2013.



Sunday, June 9, 2013

Prem Fakira..!!

मैं इक आज़ाद ,
उन्मुक्त पवन ..
बहती रही मदमस्त 
धरा हो या फिर हो गगन ..

बेफिक्र नदी सी  
अठखेलियाँ खेलती
उछलती फुदकती 
बहती रही ..
छन छन , छन छन।

प्रेम फकीरा ..
पर ,तुम्हारी दीं 
इन उपाधियों के बंधन 
में तो तप रही है
मेरी प्रेम अगन .. ।। 

फिर क्यों ,
अपने इस फ़कीरी बंधन 
का दे रहे हो आज मुझे 
दोष , ऐसा सघन ..।। 


गर प्रीत का
करते नहीं तुम हनन 
गर,
बाँध लेते साहिल एक 
बाहों का अपनी , चौघन ..। 

देख लेते तुम भी ..
तूफानी, तब ये 
जलधर घनन,  
सिमट जाता कैसे ,
बाहों में तुम्हारी  
बनके इक ठहराव गहन ...।। ..

प्रेम फ़कीरा .. 
जाने दो ,
न कर पाओगे तुम    
ये प्रीत  सघन ..। 

रहने दो,
मुझे यूँ ही 
बनके प्रेम जोगन ..!!..

- नंदिता 

09/06/13.


Friday, February 22, 2013

"तेरे संग होने का तज़र्रबा ,
 इक नन्हा, मौजिज़ा इतेहफाक़ था ...। 

 तेरे, न होने की खलिश.. 
 ता उम्र साथ चलती रही ...।।"

~ नंदिता (21/02/13) 

English Translation: 

"The experience of being with you..
 was a small miraculous co-incidence..!

The vacuum, that your absence creates,
walks beside me, all through my life..!!



"वो  कदम ,
 बर्फ की सतह पर,कभी
 चले थे जो साथ साथ ..।
 वक़्त की तपिश में ,
 पिघलते गए ..धुलते गए ..।।
  
 बर्फ की सुर्ख सफ़ेद चादर 
 जब भी पड़ती है उस राह पर  ..

 करा  देती है एहसास  
 यादों को चीरती ,चरमराती ,
 तेरे कदमों की आहट का ..
 यहीं कहीं ..यूँ ही आस पास ..!! "

~ नंदिता ( 20/02/13)