Friday, February 22, 2013

"वो  कदम ,
 बर्फ की सतह पर,कभी
 चले थे जो साथ साथ ..।
 वक़्त की तपिश में ,
 पिघलते गए ..धुलते गए ..।।
  
 बर्फ की सुर्ख सफ़ेद चादर 
 जब भी पड़ती है उस राह पर  ..

 करा  देती है एहसास  
 यादों को चीरती ,चरमराती ,
 तेरे कदमों की आहट का ..
 यहीं कहीं ..यूँ ही आस पास ..!! "

~ नंदिता ( 20/02/13) 

 

No comments:

Post a Comment