Monday, October 24, 2011

"वो शब् -ऐ - हयात मे बैठे , महफ़िल को सजाते रहे ...
एक प्यारी सी वो मुहब्बत थी ..
जिसका जनाजा वहीँ से रुखसत भी हुआ ...
और उन्हें पता भी ना चला ...!!! "
.... ;) ;)


4 comments:

  1. सुन्दर सृजन , प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.

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  2. प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.

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  3. महफ़िल के रंग में डूबे मुहब्बत कहाँ देख पाते हैं ...उन्दा रचना ...
    दिवाली की शुभकामनाएं ...

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  4. Thank you....!..
    Deepawali ki aapko bhi bahut shubhkamnaayein...!!

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